महाराष्ट्र की राजनीति के धुधंर नेता शरद पवांर के भतीजे अजित पवांर ने रातो-रात स्वंतत्र राजनीतिक निर्णय लेकर मुख्यमंत्री फड़णवीस के नेतृत्व में आज प्रातः महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री कि शपथ ग्रहण कर एक तीर से कई निशाने साधे।
एक तरफ उन्होंने महाराष्ट्र के पुराने इतिहास से सबक लेते हुए पार्टी की छवी का अपने स्वंय के हित में उपयोग किया। जैसा कि हम जानते है जिस प्रकार बाला साहेब ठाकरे ने अपने राजनीतिक विरासत राज ठाकरे से कम योग्य उद्धाव ठाकरे को सौंपी, आज राज ठाकरे की पार्टी मन से महाराष्ट्र में किस स्थिति में हैं सब जानते है। राजनीति में सत्ता जनविशवास की वह कुंजी हैं जो किसी दल की राजनीति जमीन को उर्वर बनाती हैं इस समय यदि अजित पवांर चूके होते तो उनकी स्थिति कल की मनसे राज ठाकरे जैसी होती।
सुप्रीया सूले महाराष्ट्र की राजनीति की बड़ी नेता होती।
अजित पवांर का समयोचित निर्णय